संविधान या राज्यव्यवस्था (Indian Polity)—
Indian Polity Class Notes को इस पोस्ट में डाला गया है जिसका topic है राज्य क्या है
- राज्य क्या है?
भारत एक राज्य है। राज्य एक अमूर्त अवधारणा है इसलिए राज्य को इसके तत्वों के माध्यम से ही समझ सकते है।
राज्य के तत्व
- जनसंख्या — शरीर
- भू-भाग —शरीर
- सरकार —शरीर
- सम्प्रभुता — आत्मा
उसी जनसंख्या को राज्य कहा जा सकता है, जो एक निश्चित भू-भाग पर रहती हो। जनसंख्या, भू-भाग और सरकार राज्य की शरीर है।
सम्प्रभुता राज्य की आत्मा हैँ। यह राज्य का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। सम्प्रभुता का अर्थ है। वह सर्वोच्च शाक्ति है, जो किसी आंतरिक और बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त हो। इसे सर्वोच्च आदेश देने की शक्ति भी कहा जा सकता है। राज्य की सर्वोच्च इच्छा भी कहा जा सकता है। यह सर्वोच्च शक्ति या सम्प्रभुता अविभाज्य और अदेय होती है। सम्प्रभुता को विभाजित करने का अर्थ दो राज्यों का अस्तीत्व होगा।
कहने का अर्थ यहीं हैं कि एक राज्य में एक ही सर्वोच्च शक्ति रह सकती है। जनसंख्या भू-भाग और सरकार के होते हुए भी सम्प्रभुता विहीन राज्य को राज्य नहीं कहा जा सकता।
जैसे- 15 अगस्त 1947 से पहले भारत के पास सम्प्रभुता नहीं थी। क्योंकि ब्रिटेन ही भारतवासियों को सर्वोच्च आदेश देता था। अतः भारत को स्वतंत्र राज्य न कहकर ब्रिटेन का गुलाम कहा जाता था। 15 अगस्त 1947 को जब भारत की सम्प्रभुता हासिल हुई तब भारत एक स्वतंत्र राज्य बना। 26 जनवरी 1950 को जब भारत ने अपना संविधान लागू किया तब जाकर भारत एक सम्पूर्ण सम्प्रभुता सम्पन्न गणराज्य बना।
“अर्थात् सम्प्रभु शक्ति भारत की जनता में निहीत हो गई।”
सरकार (Government)—
राज्य की इच्छा व्यक्त करने वाले यंत्र सरकार हैं। यदि राज्य अमूर्त है तो सरकार मूर्त (साकार) है।
सरकार के तीन अंग होते है।—–
- विधायिका (Legislature)– सरकार का यह अंग कानून बनाने का कार्य करता है। भारत जैसे देशों में दोहरी सरकारें होती है। एक-केन्द्र सरकार दूसरी राज्य सरकार केन्द्र सरकार की विधायिका को संसद या Parliament कहते है। संसद के दो सदन होते है—-
- राज्य सभा
- लोकसभा
दोनों सदनों के सदस्यों को Member of Parliaments कहते है।
- दोनों सदनों के (M.P) लोग ही देश के लिए कानून बनाते है।
- इसी तरह राज्य सरकार की विधायिका राज्य विधानमण्डल कहलाती है। राज्य विधानमंडल में दो सदन हो सकते है।
- विधान परिषद
- विधान सभा
- विधान परिषद् के सदस्यों को Member of Legislative caurcil (M.L.C.) कहते है।
- विधान सभा के सदस्यों को Member of Legislative Assembly (M.L.A.) कहते है।
- M.L.C.और (M.L.A.) राज्य (प्रान्त) के लिए कानून बनाते है।
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